अधिकारी-कर्मचारियों का शोषण कर रहे सीएमओ हरिद्वार

हरिद्वार। सरकार,शासन-प्रशासन में सेटिंग के बल पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी विभाग में अपनी मनमानी कर रहे है। आरोप है कि बिना रुपये लिए ये कोई भी विभागीय कार्य नहीं करते। अधिकारी-कर्मचारियों से रुपये वसूलने के लिए यह तरह-तरह के फंडे आजमाते है।  जिसे लेकर विभाग में इनके ख़िलाफ आक्रोश व्याप्त है। मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री, विभागीय अधिकारियों तक शिकायत व गुहार लगाने के बावजूद भी इनकी हठधर्मिता व अधिकारी-कर्मचारियों का शोषण करना बंद नहीं हो रहा।
इस बाबत समाजसेवी प्रेम चन्द ने अपर सचिव स्वास्थ्य उत्तराखंड एवं मिशन निदेशक को शिकायती पत्र भेज कर
हरिद्वार में प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर खगेंद्र के कार्यकाल में कर्मचारियों ध्अधिकारियों का उत्पीड़न एवं अधिकारियों का दुरुपयोग करके वसूली करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि कुमार खगेंद्र प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 7ध्10ध् 2021 गत 1 वर्ष पहले प्रभारी सीएमओ हरिद्वार का पद पर आज तक कार्य कर रहे हैं इनके खिलाफ निम्न बिंदुओं पर जांच के पर्याप्त आधार हैं। सीएमओ हरिद्वार पद एडिशनल डायरेक्टर का पद है लेकिन डॉ कुमार खगेंद्र ने जोड़-तोड़ करके जुगाड़ लगाकर ज्वाइंट डायरेक्टर ( कनिष्क.) पद पर होते हुए प्रभारी सीएमओ अधिकारी ( आकांक्षी जिला ) का पद हासिल किया है। जिले में चर्चा है कि 10 से 15 लाख रुपए का चढ़ावा चढ़ा करके यह पद हासिल किया गया है। नारको टेस्ट करवाने पर सत्य उजागर हो जाएगा।
अक्टूबर 2021 से अभी तक कर्मचारियोंध्अधिकारियों का पूरे माह का वेतन रोकने की उत्पीड़नात्मक धमकी देना, स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में कर्मचारीध् अधिकारियों को छोटी-छोटी बात पर स्पष्टीकरण पत्र थमा दिया जाता है,और स्पष्टीकरण से सहमत नही होने पर पूरे माह का वेतन आरण पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दे दिया जाता है तत्पश्चात कर्मचारी अधिकारी से स्पष्टीकरण लेकर अति ईमानदार सीएमओ से अकेले में मिलते हैं और सीएमओ साहब सहमत हो जाते हैं और सैलरी निकाल देने का आदेश जारी कर देते हैं। यह खेल पूरे वर्ष लगातार सभी सीएचसी पीएचसी में चलता है, यदि बउव के हस्ताक्षर से सभी जारी स्पष्टीकरणों को महोदय के द्वारा जाचा जाएगा तो लगभग 75 से 100 के बीच ऐसे सैलरी रोक देने के मामले मिल जाएंगे।
शासन के आदेश दिनांक 29ध्2021 पत्रांक 541 सचिव स्वास्थ्य के हस्ताक्षर के आलोक में महानिदेशक स्वास्थ्य के द्वारा दिनांक 8ध् 2022 एवं 18ध् 2022 पत्रांक पी ए डी जी एन एच्  2022ध् 691यह पत्र संपूर्ण उत्तराखंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कड़े आदेश जारी किए गए थे कि समस्त कर्मचारियों अधिकारियों की संबद्धता तत्काल समाप्त की जाती है  लेकिन अति ईमानदारी का मुखौटा और अवैध  वसूली करने वाले डॉ खगेन्द्र प्रभारी सीएमओ ने धड़ाधड़ सम्बधिकरण अपने लिखित आदेश में यह कह कर सम्बद्ध किया कि यह नवीन कार्य करेंगे, यह नई शब्दावली क्या है यह वसूली प्रकिया डॉ खगेंद्र ही बता सकते हैं।
बताया गया है कि प्रमोद कुमार गोस्वामी प्रकरण में वर्तमान सीएमओ डॉ खगेंद्र की चालबाजी वसूली का जीता जागता उदाहरण है। प्रमोद कुमार गोस्वामी वर्तमान में अटैचमेंट पर कार्य कर रहे हैं और डॉ खगेंद्र ने सचिव हेल्थ के आदेशों को धत्ता साबित कर दिया है। कर्मचारी अधिकारी यदि सीएमओ से मिलने जाते हैं तो उनको अपमानित करना सीसीटीवी फुटेज निकालकर आप देख सकते है। बताया गया है कि डॉ हिमांशु अग्रवाल पर चोरी का केस लगाकर बेइज्जत करना यह तो सामान्य कार्यप्रणाली है। अभी हाल ही में 110 संविदा कर्मियों की भर्ती इन्होंने एक से डेढ़ लाख रुपए लेकर की है वर्ष 2020 में यह कोविड-19 में भर्ती डॉक्टर सरोज नैथानी ने की थी इनको हटा दिया गया था और दोबारा फिर अब पैसे लेकर इनकी भर्ती कर दी गई है, यह चर्चा का विषय है। जनपद हरिद्वार में ।छड के प्रमोशन पिछले काफी लंबे समय से लंबित है जबकि उत्तराखंड प्रदेश के सभी जनपदों में ।छड के प्रमोशन हो चुके हैं लेकिन डॉक्टर खगेंद्र कोई ना कोई बहाना बनाकर इन प्रमोशन को रोक रहे है। और दाएं भगाएं ।छड से प्रमोशन की एवज में पैसे की मांग की जा रही है जो कि सरासर स्वास्थ्य कर्मियों का घोर शोषण है। जबकि महिला स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है इनके साथ इस प्रकार का व्यवहार अशोभनीय है। पत्र में बताया गया है भगवानपुर सीएससी में तैनात एक नर्स से छेड़छाड़ करने का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। शिकायतकर्ता ने सीएमओ डॉ कुमार खगेंद्र को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग करते हुए विभाग में अनियमितताएं बरतने आदि मामलों का संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
इस बावत सीएमओ डॉ कुमार खगेन्द्र से पूछे जाने पर उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि किसी कर्मचारी का कोई शोषण नही हुआ है।

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