केंद्रीय मंत्री ने कहा, पढ़ी-लिखी लड़कियों को लिव-इन-रिलेशनशिप से बचाना चाहिए

नई दिल्ली । मुंबई की लड़की श्रद्धा वालकर की प्रेमी आफताब पूनावाला ने जिस बेरहमी से हत्या की हैं, उसके बाद समाज में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के बयान को लेकर बड़ा विवाद हो गया है। बता दें कि केंद्रीय राज्यमंत्री किशोर ने कहा है कि ‘लिव-इन-रिलेशनशिप’ (शादी के बिना साथ रहने) से अपराध बढ़ रहे हैं और पढ़ी-लिखी लड़कियों को इसतरह के संबंधों में नहीं पड़ना चाहिए। किशोर ने श्रद्धा वालकर हत्या मामले का जिक्र कर कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप के चलते अपराध होता है और इसके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां खुद जिम्मेदार हैं, क्योंकि वे इसतरह के रिश्ते की खातिर अपने माता-पिता को छोड़ देती हैं। कौशल किशोर ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप की बजाय लड़कियों को अदालत में जाकर शादी कर लेनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने श्रद्धा हत्या मामले का जिक्र कर कहा, लड़कियां जिम्मेदार होती हैं, क्योंकि वे अपने माता-पिता को छोड़ देती हैं, जिन्होंने उन्हें वर्षों तक पाला-पोसा। उन्होंने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में क्यों रह रहे हो। अगर उन्हें ऐसा करना ही है, तब लिव-इन रिलेशनशिप के लिए उचित रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। यदि माता-पिता इसतरह के संबंधों के लिए सार्वजनिक रूप से तैयार नहीं होते हैं, तब आपको कोर्ट मैरिज करनी चाहिए और फिर साथ रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ऐसी घटनाएं उन सभी लड़कियों के साथ हो रही हैं, जो पढ़ी-लिखी हैं और सोचती हैं कि वे बहुत स्पष्टवादी हैं और अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने की क्षमता रखती हैं। मंत्री ने कहा कि इसके लिए पढ़ी-लिखी लड़कियां जिम्मेदार होती हैं क्योंकि मां-बाप दोनों इसतरह के रिश्ते को नहीं मानते। इसलिए पढ़ी-लिखी लड़कियों को इसतरह के रिश्ते नहीं बनाने चाहिए।
उधर, केंद्रीय मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देकर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, अगर प्रधानमंत्री कार्यालय वास्तव में महिला शक्ति के बारे में जो कहता है, उसका कुछ मतलब है, तब उन्हें इस केंद्रीय मंत्री को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम महिलाएं इस पुरुषवादी समाज की इस बकवास को बहुत झेल चुकी हैं। प्रियंका ने कहा, हैरान हूं कि उन्होंने यह नहीं कहा कि इस देश में पैदा होने के लिए भी लड़कियां खुद जिम्मेदार हैं।

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