नई दिल्ली । विश्व बैंक की जो ताजा रिपोर्ट सामने आई है, उसके अनुसार विश्व के 69 देश कर्ज संकट में फंसे हुए हैं। इन 69 देशों में कर्ज की अदायगी कर पाना संभव नहीं है। दुनिया की कुल आबादी का 5वां हिस्सा इन 69 देशों में रहता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 19 देश लेटिन अमेरिका, 25 एशियाई देश तथा 25 अफ्रीकी देश हैं।
इन देशों में रहने वाले लोगों को अन्न संकट, ऊर्जा संकट और आर्थिक संकट के कारण महंगाई, बेरोजगारी एवं दिवालिया होने की स्थिति से गुजरना होगा। कर्ज के बोझ से दबे इन 69 देशों के पास खाद्यान्न एवं ऊर्जा का भयावह संकट का सामना करना पड़ेगा। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक संकट में फंसे 69 देश अपनी जरुरत का सामान आयात भी नहीं कर पाएंगे।
विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से स्पष्ट है कि जो हालत श्रीलंका कीहै, उसी तरह की हालत जल्द ही विश्विके 69 देशों की होने वाली है। इस रिपोर्ट ने सभी देशों की चिंता बढ़ा दी है।
कर्ज लेकर विकास करने का जो सपना विश्व बेंक ने सारी दुनिया के देशों को दिख्राया था, उस कर्ज जाल में विकासशील देश बुरी तरह फंसकर दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जिसके कारण सारे विश्व में आर्थिक संकट के साथ अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। आर्थिक संकट के कारण महंगाई, बेरोजगारी, खाद्यान्न और ऊर्जा संकट के कारण जनता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। आर्थिक संकट के कारण सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन, हिंसक प्रदर्शनों से कानून व्यवस्था की स्थिति दुनिया के अधिकांश देशों की खराब हो गई है।
विश्व बिंक ताजा स्थिति में कर्ज संकट में फंसे देशों को दिवालिया होने से बचाने, कर्ज की अदायगी टालने तथा वैश्विक व्यापार संधि के नियमों पर विचार कर रहा है। बहरहाल कर्ज के बोझ से दबे विकासशील देश आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वहीं विकसित देश भी इस आर्थिक संकट के कारण प्रभावित हो रहे हैं। इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता अभी तक विश्व बिंक नहीं निकाल पाया है। विश्व बैंक की चिंतायें लगातार बढ़ रही है।