धोखाधड़ी कर एटीएम से धनराशी उड़ाने वाले गिरोह का पर्दाफाश,तीन गिरफ्तार

काशीपुर । सुनियोजित षड्यंत्र के तहत लोगों से धोखाधड़ी कर एटीएम से धनराशि उड़ा लेने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने इस गिरोह के तीन शातिर लोगों को गिरफ्तार किया है इनके कब्जे से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त सामान 10 एटीएम कार्ड कार्ड तथा ₹46300 बरामद किए हैं।

रेलवे कॉलोनी निवासी अमीरचंद ने एटीएम से 21 हजार रुपये तथा मोहल्ला काजीबाग कटोराताल निवासी राजेश ने 75 हजार रुपये एटीएम से निकालने का मुकदमा दर्ज कराया था। साइबरक्राइम की घटनाओं के अनावरण के लिए वरिष्ठ पुलिसअधीक्षक के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक अभय प्रताप सिंह एवंपु लिस क्षेत्राधिकारी बंदना बर्मा के पर्यवेक्षण में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस टीम ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। साथ ही एटीएम के पास की सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन कर संदिग्धों के फोटोग्राफ वीडियो तैयार किए ।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी, पुलिस अधीक्षक व सीओ वन्दना वर्मा ने आज कोतवाली में दोनों मामलों का खुलासा करते हुए बताया कि वरिष्ठ उप निरीक्षक प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा मुरादाबाद रोड पर संदिग्ध वाहन व्यक्तियों की चेकिंग की जा रही थी। इस दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि एक काले रंग की कार बिना नंबर प्लेट आसपास घूम रही है। उसमें सवार युवक बार-बार यह एटीएम में आ जा रहे हैं। मुखबिर की सूचना पर सघन चेकिंग अभियान चलाकर एक्सयूवी कार जो काशीपुर की तरफ से आ रही थी उसको रोक कर चेक किया। जिसमें 3 युवक सवार थे। वाहन की तलाशी लेने पर विभिन्न बैंकों के 10 एटीएम, आईसीआईसीआई बैंक की स्वैप मशीन, पेटीएम मशीन, 1 प्लास, फेवीक्विक के पैकेट तथा 46 हजार 300 रुपये बरामद हुए। आरोपियों ने अपना नाम रोहित कुमार पुत्र धर्मेंद्र चौहान निवासी गौतम बुध नगर उत्तर प्रदेश, नाजिम पुत्र सखावत निवासी साहबाजपुर भवानीपुर थाना संभल हाल निवासी चोर पूर्व भेलूपुर गौतम बुध उत्तर प्रदेश, मनीष कुमार पुत्र बृजेश कुमार निवासी छाज रसी तहसील दादरी गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश बताया। पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि 9 अक्टूबर को काशीपुर क्षेत्र में आईसीआईसीआई बैंक व पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम प्लॉट में फेवीक्विक लगाकर कस्टमर के एटीएम को एटीएम में फंसा दिया। कस्टमर के जाने के बाद गिलास की सहायता से एटीएम निकालकर रुपए निकालने की बात बताई। पूछताछ 5 में आरोपियों ने बताया कि उनका 4 लोगों का एक संगठित गिरोह है। सबसे पहले उनका एक साथी एटीएम में जाकर फर्जी टोल फ्री नंबर एटीएम मशीन के ऊपर रख देता है। उसके पश्चात वही आदमी एटीएम प्लॉट में फेवीक्विक लगाकर एटीएम से बाहर आ जाता है। और जैसे ही कोई कस्टमर एटीएम में रुपए निकालने जाता है और एटीएम डालकर रुपए निकालता है। फेवीकोल लगा होने के कारण एटीएम प्लॉट में ही चमक जाता है। एटीएम ना निकलने पर उनका दूसरा साथी रुपए निकालने के बहाने एटीएम में जाता है और कस्टमर से समस्या पूछता है। जब कस्टमर उनके साथी को बताता है कि कार्ड एटीएम में फंस गया तब उसका साथी कस्टमर को फर्जी टोल फ्री नंबर पर कॉल करने को कहता है। उनका तीसरा साथी जो फर्जी कस्टमर केयर बना होता है वह कस्टमर को दुबारा एटीएम डायल करने को कहता है। जिसे एटीएम में खड़ा उनका आदमी नोट कर लेता है। उसके बाद उनका फर्जी कस्टमर केयर आदमी कस्टमर से कहता है कि एटीएम मशीन खराब हो गई है। शाम को हमारा इंजीनियर आएगा आपको कॉल करके आपका एटीएम मिल जाएगा। कस्टमर के जाने के बाद गिलास की सहायता से एटीएम को निकाल लेते हैं तथा पेटीएम मशीन में डालकर खाते का बैलेंस चेक करते हैं। यदि खाते में ज्यादा धनराशि है तो उसे वह मशीन के माध्यम से अपने कोटक महिंद्रा के खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं। जिसे बाद में चेक एटीएम से निकाल लेते हैं। कभी-कभी कस्टमर के एटीएम से ही सुनसान स्थानों पर लगे एटीएम से भी रुपया निकाल लेते हैं। वह ज्यादातर वारदातें उन दिनों में करते हैं जिन दिनों में बैंक बंद होते हैं। आरोपियों का एक साथी अभी फरार है। पुलिस टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक प्रदीप मिश्रा, एसआई नवीन बुधनी, देवेंद्र सामंत, कंचन पडलिया, अशोक कांडपाल, दीपक जोशी, संतोष देवरानी, कांस्टेबल प्रेम कंडवाल, सुरेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल अजीत कुमार, देवेंद्र पांडे, अनिल मनराल शामिल रहे।

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