हरिद्वार। भूपतवाला स्थित जगदीश कुटीर आश्रम के संस्थापक परम पूज्य ब्रह्मलीन स्वामी माधवानंद गिरि जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के उपरांत उनका अग्रिम भंडारा आयोजित किया गया। परम पूज्य स्वामी हरि चेतनानंद जी महाराज ने कहा स्वामी माधवानंद जी महाराज त्याग और ज्ञान की साक्षात मूर्ति थे। वह बड़े ही तपस्वी एवं विद्वान संत थे। इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य स्वामी ललितानंद जी महाराज ने कहा ब्रह्मलीन श्री माधवानंद जी महाराज भक्तजनों को सत्य की राह दिखाने वाले एक तपस्वी विद्वान संत थे। उन्होंने जगत कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। हम सब ऐसी विद्वत महान विभूति को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस अवसर पर सभी उपस्थित वंदनीय महामंडलेश्वर महंत तथा विद्वत संतो ने ब्रह्मलीन स्वामी श्री माधवानंद जी महाराज के उत्तराधिकारी उनके परम शिष्य स्वामी श्री कैलाशानंद जी महाराज को चादर उढाकर श्री महंत पद पर अभिषेक किया। इस अवसर पर स्वामी प्रेमानंद जी महाराज, स्वामी रवि देव शास्त्री, महंत दिनेश दास शास्त्री, स्वामी स्वरूप दास स्वामी, कमलेशा डॉक्टर स्वामी प्रेमानंद जी, कमलेश स्वरूप जी, स्वामी हरि चेतनानंद जी महाराज, ललितनंद जी महाराज, स्वामी नरेंद्र देव जी महाराज, योगी स्वामी सत्यमित्रानंद, स्वामी कल्याण देव जी महाराज, कमलेश आनंद जी महाराज, स्वामी दयानंद जी महाराज माधवानंद जी महाराज, स्वामी राजेश्वरदुबे जी महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण जी महाराज, ओमानंद जी महाराज, दयानंद जी महाराज सहित अनेक भक्तजन उपस्थित थे।