रिपोर्ट प्रमोद कुमार
रुद्रपुर। रुद्रपुर एवं किच्छा क्षेत्र में अवैध कालोनियों का काला कारोबार कर सरकार को राजस्व का चूना लगाकर खुद अरबों रुपए के वारे न्यारे करने वाला अवैध कॉलोनाइजर जोधा सिंह रावत को जिला विकास प्राधिकरण ने 2020 में नीलकंठ खेत नंबर 237, एकड़ 3.5 को अवैध घोषित किया था, लेकिन उसके बाद भी इस पूरे मामले में हैरत की बात यह है कि अवैध कॉलोनाइजर जोधा सिंह रावत ने अपनी कालोनी में निर्माण किया है, बावजूद इसके आखिरकार ऐसी कौन सी मज़बूरी थी कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने उक्त बिल्डर को दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपना पक्ष रखने के लिए दो साल से भी अधिक का समय दे दिया है।
लेकिन वर्ष 2020 में सीज की गई अवैध नीलकंठ बिल्डर की अवैध कॉलोनी में हुए अवैध निर्माण को जिला विकास प्राधिकरण ने अभी तक ध्वस्त नहीं किया है,यदि जोधा सिंह रावत कालोनी के कागजात तय समय पर दिखाने में सफल भी रहता है तो भी यह संदेह के घेरे में रहेगा कि प्राधिकरण ने जानते हुए भी बिना अनुमति किये गए उसके अवैध निर्माण को आखिरकार ध्वस्त क्यों नहीं किया सवाल यह भी उठता है कि विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण करने और सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले बिल्डर पर आखिर क्यों मेहरबान है।
हम आपको बता दें कि जोधा सिंह रावत एक अवैध कॉलोनाइजर है जिसका अभी रेरा में भी कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है पर बावजूद इसके जोधा सिंह रावत रुद्रपुर,लालपुर और किच्छा क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक अवैध कालोनियों काटकर राज्य सरकार को अरबों रूपए के राजस्व का चूना लगाकर खुद अरबों रुपए के वारे न्यारे कर चुका है,बहरहाल अब देखना ये है कि इस पूरे मामले पर आगे जिला विकास प्राधिकरण आरोपी अवैध कॉलोनाइजर जोधा सिंह रावत के खिलाफ क्या सख्त कार्रवाई करता है।।