वार्ड 36 के उपचुनाव में विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर पार्टी के नेताओं ने अभी तक उपचुनाव में नहीं दिखाई है दिलचस्पी

लेखक। सौरभ गंगवार

रूद्रपुर। वार्ड नंबर 36 आदर्श कालोनी घास मण्डी में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर सरगर्मियंया तेज हो गयी है, भाजपा ने इस वार्ड में एडवोकेट अशोक कुमार सागर को चुनाव मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने पिछली बार पराजित हो चुके जितेश शर्मा पर एक बार फिर दांव खेला है, जबकि भाजपा के बागी रंजीत सागर इस चुनाव में निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं, पिछली बार निर्दलीय को मिली इस सीट पर इस बार प्रत्याशी के साथ-साथ विधायक और मेयर की प्रतिष्ठा भी दांव पर है, लेकिन भाजपा ने अभी तक इस चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया है, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।

बता दें वार्ड 36 के पार्षद विरेंन्द्र आर्या का कुछ माह पूर्व निधन हो गया था जिसके चलते इस वार्ड में उपचुनाव कराया जा रह है, जिसके लिए सरगर्मियां तेज हो गयी है, नगर निगम बनने के बाद पहली बार इस वार्ड से पार्षद पद पर भाजपा के प्रत्याशी महेन्द्र आर्या ने जीत दर्ज की थी, 2019 में हुए नगर निगम के चुनाव में नये नियमों के कारण महेन्द्र आर्या चुनावी दौड़ से बाहर हो गये उन्होंने अपने भाई विरेन्द्र आर्या के लिए टिकट की मांग की लेकिन उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया जिस पर महेन्द्र आर्या ने अपने भाई विरेन्द्र आर्या को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारा और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विरेन्द्र ने जीत दर्ज कर भाजपा से यह सीट छीन ली हालाकि जीत के बाद विरेन्द्र आर्या भाजपा के ही खेमे में थे, इस बार उपचुनाव में भाजपा ने इस सीट पर अशोक कुमार सागर को प्रत्याशी बनाया है, अशोक कुमार शिक्षित होने के साथ साफ सुथरी छवि के प्रत्याशी है, एडवोकेट होने के साथ साथ वह लम्बे समय से पत्रकारिता से भी जुड़े हुए हैं, व्यक्तिगत छवि के मामले में वह अन्य प्रत्याशियों से दमदार माने जा रहे हैं।

लेकिन भाजपा इस उपचुनाव को गंभीरता से लेती नजर रही आ रही है, जबकि यह चुनाव एक तरह से विधायक के साथ साथ मेयर के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल है, शिव अरोरा के विधायक बनने के बाद शहर में यह पहला चुनाव होने जा रहा है, दूसरा कारण यह भी है कि अशोक सागर का टिकट शिव अरोरा की सहमति से ही फाईनल हुआा है, इस सीट पर रंजीत सागर भी टिकट की दौड़ में थे लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने अशोक सागर की व्यक्तिगत छवि को देखते हुए उन पर भरोसा जताया अब भाजपा के बागी निर्दलीय प्रत्याशी रंजीत सागर भी चुनाव मैदान में है, उन्हें मनाने की सारी कोशिशें अब तक नाकाम रही है, अब भाजपा के सामने कांग्रेस के साथ साथ निर्दलीय से भी निपटने की चुनौती हैं, यह वार्ड एक तरह से वीआईपी वार्ड में भी शुमार है, हाल ही में कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ चुकी मीना शर्मा इसी वार्ड में रहती ती है, जिसके चलते मीना शर्मा भी अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी दूसरी तरफ भाजपा से बगावत करके विधानसभा चुनाव में कूदे निवर्तमान विधायक राजकुमार ठुकराल का निवास भी इस वार्ड के बिल्कुल करीब है जिसके चलते इस वार्ड में उनका भी दखल माना जाता है, अगर पूर्व विधायक ठुकराल ने इस चुनाव में हस्तक्षेप किया तो भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनौती और बढ़ सकती है।

इन सब परिस्थितियों के बावजूद भाजपा ने टिकट देने के बाद प्रत्याशी को उसके हाल पर छोड़ दिया है, प्रत्याशी के प्रचार के नाम पर अब तक पार्टी की ओर से वार्ड में एक मीटिंग तक आयोजित नहीं की गयी है, हालाकि व्यक्तिगत स्तर पर प्रत्याशी ने प्रचार अभियान शुरू कर दिया है, और वार्ड में उनका डोर टू डोर जनसंपर्क जारी है, जिसमें उन्हें अच्छा समर्थन भी मिल रहा है, लेकिन पार्टी का रवैया आगे भी यही रहा तो पाटी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।।

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