सोनिया गांधी ने गुटबाजों को दिया सख्त संदेश, कहा- कांग्रेस की मजबूती लोकतंत्र में जरूरी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा एक बार फिर मजबूती से उभरना सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि लोकतंत्र और समाज के लिए भी अहम है। पार्टी सांसदों के साथ मीटिंग में सोनिया गांधी ने एनडीए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा डर फैलाने और धमकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जिन छात्रों को भारत लाया गया है, उनका करियर कैसे सुरक्षित रहे इस बात की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए। सोनिया गांधी का यह बयान पार्टी की ओर से आयोजित होने वाले चिंतन शिविर से पहले आया है। इस शिविर में यूपी, पंजाब समेत 5 राज्यों में पार्टी की करारी हार को लेकर मंथन किया जाएगा।

सोनिया गांधी ने 5 राज्यों में हार को शॉकिंग और दर्द भरा बताते हुए कहा था कि वह निजी तौर पर इसे देखेंगी और हर स्तर पर संगठन को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। सोनिया गांधी ने सांसदों से कहा, ‘हमारे आगे जो रास्ता है, वह बेहद चुनौतीपूर्ण है, जितना कभी नहीं था। हमारा समर्पण, संकल्प और फिर से उभरने की भावना का परीक्षण होना है। संगठन में हर स्तर पर एकजुटता बेहद अहम है। अपने बारे में बात करूं तो मैं पार्टी को मजबूत करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। कांग्रेस का फिर से मजबूत होना, सिर्फ हमारे लिए ही नहीं बल्कि समाज और लोकतंत्र के लिए भी उतना ही जरूरी है।’

पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने सोनिया गांधी की स्पीच को लेकर कहा कि हर स्तर पर एकजुटता जरूरी होने की बात कहकर उन्होंने कुछ लोगों को संदेश दिया है, जो राज्यों में गुटबाजी कर रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर जी-23 के नेताओं के लिए भी यह एक संदेश माना जा रहा है। बता दें कि 5 राज्यों में करारी हार के पीछे आपसी कलह और नेताओं का असहयोग भी एक वजह माना जा रहा है। 5 राज्यों में हार को सोनिया गांधी ने शॉकिंग और दर्दभरा बताया था। उन्होंने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में भी इस मुद्दे पर बात की थी और कहा था कि एकजुटता बेहद जरूरी है। पूरी चर्चा में कई नेताओं ने कहा था कि पंजाब समेत सभी राज्यों में पार्टी गुटबाजी का शिकार हुई।

सोनिया गांधी ने यह भी कहा था कि यदि जी-23 के नेताओं के सुझावों में कुछ दम होगा तो वे उन्हें स्वीकार करेंगी। सोनिया गांधी ने मंगलवार को कहा, ‘शिविर का आयोजन बेहद जरूरी है। वहां पार्टी के लोगों की राय को सुना जा सकेगा। वे एक क्लियर रोडमैप दे सकेंगे। इससे हम यह तय कर पाएंगे कि भविष्य में चुनौतियों से निपटने के लिए हमें किस तरह से काम को आगे बढ़ाना है।

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