हरिद्वार। उत्तरी हरिद्वार स्थित प्रख्यात धार्मिक संस्था गंगा भजन आश्रम खड़खड़ी की परमाध्यक्ष एवं परम पूज्य महंत रामभजन माता 117 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गईं। उनके ब्रह्मलीन होने पर तीर्थनगरी के संत-महंत, महामंडलेश्वर और श्रद्धालु बड़ी संख्या में आश्रम पहुंचे और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
ब्रह्मलीन माता की अंतिम यात्रा सुबह 10 बजे गंगा भजन आश्रम भूपतवाला से प्रारंभ होकर खड़खड़ी होते हुए श्मशान घाट खड़खड़ी तक गई। विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज व सुप्रसिद्ध कथा व्यास स्वामी सत्यदेव महाराज ने संयुक्त रूप से मुखाग्नि दी।
महामंडलेश्वर स्वामी चिदविलासनन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि महंत रामभजन माता सनातन धर्म व संस्कृति की निष्ठावान साधिका थीं। उन्होंने आधुनिक युग की भौतिकता को अपने जीवन में प्रवेश नहीं करने दिया, जिसके फलस्वरूप वे 117 वर्ष की आयु तक स्वस्थ व धर्मनिष्ठ जीवन जीती रहीं।
श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में महामंडलेश्वर चिदविलासनन्द सरस्वती, भगवताचार्य रविदेव शास्त्री, डॉ. हरिहरानन्द, महंत शुभम गिरि, स्वामी कृष्णानन्द, महंत दिनेशदास, महंत प्रेमानन्द शास्त्री, स्वामी रामानन्द, स्वामी ज्ञानानन्द सहित अनेक संत-महंत, साध्वी, श्रद्धालु और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। सैकड़ों शिष्यों और भक्तों ने भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।