हरिद्वार। कनखल थाना क्षेत्र में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी गिरफ्तार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शातिर ने बैकडोर से सरकारी नौकरी लगाने के एवज में 3,70,000 रुपये हड़पे थे। फर्जी दस्तावेजों के सहारे झूठी नौकरी का झांसा दिया था।
पुलिस के अनुसार, शनिवार को कृष्णानगर निवासी प्रतीक मदान ने कनखल थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनसे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 3.70 लाख रुपये ठग लिए गये। प्रतीक मदान ने बताया कि हिमांशु कुमार उनके मकान पर किरायेदार था और पुराने परिचय का फायदा उठाकर उसने जुलाई 2024 में उनसे, उसकी बहन, जीजा और दोस्तों को बैकडोर से सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया। हिमांशु ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय और उत्तराखंड शासन में ऊंची पहुंच वाला बताते हुए एडवांस में भारी रकम ऐंठ ली। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भेजने शुरू कर दिए।
जनवरी में उन्हें एक ईमेल मिला, जिसमें 24 फरवरी को पीडब्लूडी चम्बा टिहरी में अकाउंटेंट पद पर नियुक्त होने का दावा किया गया था। शक होने पर जब उन्होंने विभाग से जानकारी ली तो सारे दस्तावेज फर्जी निकले। हिमांशु से संपर्क न होने पर मामला पुलिस के पास पहुंचा।
मुख्यमंत्री उत्तराखंड के नाम व लेटर पैड के फर्जी इस्तेमाल और P.W.D.चम्बा की फर्जी ईमेल आईडी से नियुक्ति पत्र तैयार करने के मामले को एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी की गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम गठित करते हुए सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सोमवार को गुरुकुल कांगड़ी के पास से हिमांशु कुमार को मोबाइल व फर्जी दस्तावेजों के साथ दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी के फ्लैट से कम्प्यूटर, लैपटॉप, फर्जी मोहरें व ढेरों जाली दस्तावेज बरामद किए। पूछताछ में चैंकाने वाले खुलासे हुए आरोपी उच्च न्यायालय नैनीताल की एडिट की हुई मोहर का भी इस्तेमाल करने वाला था ताकि ठगी का खेल और लंबा खींच सके।
जाचं में पता चला कि हिमांशु कुमार निवासी ग्राम क्वाटोली, कपकोट बागेश्वर पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद वर्ष 2017 में पीएचडी करने और नौकरी की तलाश में हरिद्वार आया। हिमांशु, चार साल तक प्रतीक के घर किराये पर रहा और इस दौरान अच्छे संबंध बना लिए। जैसे ही उसे पता चला कि प्रतीक सरकारी नौकरी पाना चाहता है, उसने जुलाई 2024 में उत्तराखंड शासन और मुख्यमंत्री कार्यालय में अपनी झूठी पहुंच का हवाला देकर बैकडोर भर्ती के नाम पर 3.70 लाख रुपये एडवांस हड़प लिए।
मोटी रकम ऐंठने के बाद भी नौकरी न मिलने पर जब प्रतीक मदान ने पैसे मांगे तो आरोपी ने चालाकी दिखाई। हिमांशु ने खुद को बचाने और गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री उत्तराखंड के फर्जी लेटर पैड और P.W.D. चम्बा की जाली ईमेल आईडी बना डाली। इसके जरिए प्रतीक को समय-समय पर फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर झूठा दिलासा देता रहा।