हरिद्वार, 21 मई। विकास भवन रोशनाबाद स्थित सभागार में आज ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट (वित्तीय वर्ष 2025-26) पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना ने की, जबकि मुख्य विकास अधिकारी के निर्देशन में कार्यक्रम संचालित हुआ।

बैठक में बीते तीन वित्तीय वर्षों (2022-23, 2023-24 व 2024-25) के दौरान परियोजना के अंतर्गत संचालित गतिविधियों की समीक्षा की गई। लक्ष्यों के अनुसार प्राप्त परिणामों और उनके प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करते हुए भविष्य की रणनीतियों को मजबूती देने पर जोर दिया गया।

इस दौरान मधुमक्खी पालन जैसी ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर विशेष चर्चा हुई। यह बताया गया कि यह गतिविधि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सृजन का प्रभावी माध्यम बन रही है। इसके विस्तार और क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर अधिकारियों के बीच सकारात्मक संवाद हुआ।

बैठक में कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP), निगरानी प्रणाली और कार्यान्वयन रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श हुआ। सभी विकासखंड स्तर के अधिकारियों और सीएलएफ टीमों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

कार्यशाला में परियोजना निदेशक, डीआरडीए के. एन. तिवारी ने भी भाग लिया। उन्होंने परियोजना की प्रगति की सराहना करते हुए उपयोगी सुझाव दिए। जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना द्वारा परियोजना की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं की प्रस्तुति दी गई, जिस पर तिवारी ने संतोष जताया।

कार्यशाला में जिला परियोजना कार्यालय के सहायक प्रबंधक, वाईपी-केएम/आईटी, समस्त विकासखंड स्तरीय स्टाफ और सीएलएफ स्तर की टीमें मौजूद रहीं। सभी प्रतिभागियों ने ग्रामीण विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस कार्यशाला को ग्रामोत्थान परियोजना के आगामी लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है, जो आने वाले समय में ग्रामीण विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

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