मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में विकास भवन में कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कार्य योजना बनाई गई। अगस्त 2024 के अनुसार, जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 3144 और अतिकुपोषित बच्चों की संख्या 1419 है।
सीडीओ ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि आरबीएसके टीम द्वारा कुपोषित बच्चों की स्वास्थ्य जांच कराई जाए। जांच के बाद चिन्हित बच्चों को एनआरसी में भर्ती करने के लिए माता-पिता की काउंसलिंग बाल विकास विभाग द्वारा की जाएगी। जो बच्चे एनआरसी में नहीं जा सकेंगे, उन्हें होम्योपैथिक विभाग द्वारा स्वास्थ्य जांच के बाद दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
स्वास्थ्य विभाग को 20 अक्टूबर 2024 तक डाइटिशियन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया, ताकि बच्चों के लिए डाइट चार्ट बनाकर कुपोषण से बाहर लाने का प्रयास किया जा सके।
सीडीओ ने यह भी निर्देश दिया कि जनपद और ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों को अतिकुपोषित बच्चों की जिम्मेदारी दी जाए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल, डिप्टी सीएमओ अनिल वर्मा, चाइल्ड स्पेशलिस्ट डा. शशिकान्त, और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।