हरिद्वार : जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत परंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों के आर्थिक उन्नयन के लिए सभी अधिकारी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने योजना के तहत शिल्पकारों और कारीगरों को चिन्हित करने, उनके कौशल विकास के लिए गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण देने, कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने और टूल किट सहायता देने के निर्देश दिए। इसके अलावा, डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए जागरूकता फैलाने और उच्च गुणवत्ता के उत्पादों को ई-मार्केट से जोड़ने का भी निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन ट्रेड्स में कम पंजीकरण हो, उस पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग योजना का लाभ उठा सकें। साथ ही सीएससी सेंटरों को अपात्र व्यक्तियों के फार्म न भरने की हिदायत भी दी। जिलाधिकारी ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण केंद्रों को बढ़ाने और हर महीने बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए।
उद्योग महाप्रबंधक उत्तम कुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक 2569 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 2257 स्वीकृत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 7 प्रशिक्षण केंद्र इस समय कार्यरत हैं और पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को उनकी पारंपरिक तकनीकों को सुधारने और नई तकनीकी सीखने में मदद मिल रही है। इस बैठक में पूर्व राज्यमंत्री शोभाराम प्रजापति, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, बीडीओ सुमन कोटियाल, पवन सिंह नेगी, जोगेंद्र सिंह और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।