देहरादून
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में होने वाले नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि यह पूर्वाभ्यास कार्यक्रम राज्य भर में आयोजित किए जाएंगे, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में तेजी से और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन गतिविधियों से आमजन में घबराहट न फैले, इसके लिए निरंतर जनसंपर्क और संवाद आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि आम लोगों को मॉक ड्रिल और इसके लाभों की जानकारी दी जाए, ताकि वे आपदा के समय समझदारी से व्यवहार कर सकें।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए यह पूर्वाभ्यास बेहद जरूरी हैं। सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने विभागों के स्तर पर तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में राज्य और जनपद स्तर पर नागरिक सुरक्षा समितियों को सक्रिय किया जाए, और संवेदनशील तथा अति संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की जाए। उन्होंने सायरन सिस्टम, SMS, और व्हाट्सएप अलर्ट जैसे सूचना तंत्र को दुरुस्त और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
आपातकालीन संचार व्यवस्था के तहत वायरलेस, सैटेलाइट फोन और अन्य वैकल्पिक संचार साधनों को तैयार रखने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि आपदा के समय समुदाय की सहभागिता बेहद अहम है, इसलिए आपदा मित्र, मंगल दल, एनएसएस और एनसीसी जैसे संगठनों को भी पूर्वाभ्यास में जोड़ा जाए।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि बड़े बांधों और संवेदनशील भवनों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए जाएं और उनकी आपदा प्रबंधन योजना तैयार रखी जाए। सभी वाटर हाईड्रेंट्स को सक्रिय किया जाए और बड़े भवनों में सुरक्षित बेसमेंट जैसी संरचनाएं तैयार रखी जाएं।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक दीपक सेठ, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, र. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत सहित सभी जिलाधिकारी, सेना प्रतिनिधि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।