हरिद्वार। वीआईपी घाट, हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चिंतन शिविर के दौरान भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) ने किसानों से जुड़ी समस्याओं को लेकर 16 सूत्रीय मांग पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल तालान ने कहा कि दिल्ली आंदोलन के बाद भारत सरकार ने किसानों को कई मुद्दों पर लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक उन्हें पूरा नहीं किया गया।
उन्होंने मांग की कि एमएसपी को सभी फसलों पर गारंटी के साथ लागू किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार C2+50 फॉर्मूले पर समर्थन मूल्य तय किया जाए। साथ ही, किसान का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए और खेती में उपयोग होने वाले उपकरण जैसे ट्रैक्टर, इंजन आदि को जीएसटी से मुक्त किया जाए।
भाकियू ने दूध, फल, सब्जी और मत्स्य पालन जैसे कृषि उत्पादों को भी एमएसपी के दायरे में लाने की मांग की। दिल्ली आंदोलन और 13 जनवरी 2024 को शम्भू व खनौरी बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलनों के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को ₹25 लाख मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई।
लखीमपुर खीरी कांड का जिक्र करते हुए संगठन ने कहा कि दोषियों को अब तक सजा नहीं मिली, जबकि लोकतंत्र के माध्यम से जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है। संगठन ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की।
भाकियू ने पंजाब और हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन का शीघ्र समाधान करने, गन्ने का समर्थन मूल्य ₹600 प्रति कुंतल तय करने और एथनॉल से हो रहे मुनाफे में किसानों का लाभ सुनिश्चित करने की भी मांग की। साथ ही पेपर लीक पर कठोर कानून बनाने, अग्निवीर योजना को रद्द करने और सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाने की बात कही।
मांग पत्र में यह भी कहा गया कि भूमि अधिग्रहण में 2013 के मूल कानून को लागू किया जाए और किसानों को सर्किल रेट के साथ बाजार दर के अनुसार मुआवजा दिया जाए। किसानों व मजदूरों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा व चिकित्सा मिले और भूमिहीन किसानों को किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं में शामिल किया जाए। इसके अतिरिक्त, निजी नलकूपों के बिजली बिल को पूरे देश में माफ किया जाए, जैसा कि उत्तर प्रदेश में हो रहा है।