हरिद्वार। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डा.चिन्मय पंड्या ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत को न केवल जागना है, बल्कि पूरे विश्व का पथ प्रदर्शन भी करना है। उन्होंने कहा कि जब देश का प्रत्येक नागरिक आत्मबल, नैतिकता और आध्यात्मिकता से युक्त होगा, तभी भारत का नवजागरण संभव है और इसके माध्यम से पूरे विश्व को नई दिशा मिल सकती है।
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित एक कार्यक्रम में डा.चिन्मय पंडया ने यह विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में एनसीआर दिल्ली और आसपास के राज्यों से हजारों युवा, प्रबुद्ध नागरिक, शिक्षाविद एवं समाजसेवी शामिल हुए। डा.पंड्या ने कहा कि युग निर्माण आंदोलन के तीन प्रमुख स्तंभ – विचार क्रांति, चरित्र निर्माण और व्यसन मुक्ति आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति, कर्तव्यनिष्ठा और जीवन मूल्यों से जोडऩा ही राष्ट्रनिर्माण का वास्तविक आधार है। कहा कि अब राष्ट्र के जागरण का समय आ चुका है। हमें केवल देखने या सुनने तक सीमित नहीं रहना है। बल्कि तैयारी के साथ राष्ट्र निर्माण की भूमिका में आगे आना है। समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तथा केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके, स्वामी नारायण संस्थान के स्वामी ब्रह्मबिहारी, एवं अक्षरधाम नई दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी अक्षर वत्सल दास ने भी विचार रखे।