देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
समिति ने पुलिस महानिदेशक को एसडीआरएफ दल को प्रशिक्षण दिलाने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की बची धनराशि को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में खर्च करने की अनुमति दी। साथ ही चंपावत और पौड़ी जिले को क्रमशः पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दूसरी किश्त जारी करने पर सहमति बनी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों और मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित लोगों को अनुमन्य अनुग्रह अनुदान सहायता तुरंत वितरित की जाए और लंबित मामलों का जल्द निस्तारण किया जाए।
उन्होंने आपदा विभाग को आपातकालीन स्थितियों में हेली सेवाओं के उपयोग के लिए एसओपी तैयार करने के भी निर्देश दिए। वहीं, देहरादून की रिस्पना नदी के चैनलाइजेशन और ड्रेजिंग जैसे कार्यों के लिए सिंचाई एवं लोक निर्माण विभाग को संयुक्त रूप से प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इसके साथ ही प्रदेश की सभी बड़ी नदियों का अध्ययन कर व्यापक कार्ययोजना बनाने और बाढ़ सुरक्षा कार्यों के प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत होने वाले कार्यों में बायो इंजीनियरिंग और बायो फेंसिंग का विशेष उपयोग किया जाए। इस संबंध में उन्होंने वन विभाग द्वारा जाइका परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी के लिए वर्कशॉप आयोजित करने पर भी बल दिया।
बैठक में सचिव शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, अपर सचिव विनीत कुमार, आनन्द स्वरूप सहित कई विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।