हरिद्वार।
केदारनाथ मंदिर में जिस तरह से बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति एवं केदारनाथ प्रशासन के द्वारा मंदिर में पत्थरों में सुराख किए जा रहे हैं और चांदी की परत को हटाकर सोने की परख लगाई जा रही है और पिछले कई दिनों से तीर्थ पुरोहित सोने की परख लगाने का विरोध कर रहे हैं उसी तरह सपा के नेता महंत शुभम गिरी ने तीर्थ पुरोहितों का समर्थन किया है उन्होंने कहा है कि केदारनाथ मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंग और चार धाम में प्रमुख धाम है और केदारनाथ मंदिर का निर्माण पौराणिक युग में किया गया है और महाभारत के काल के समय किया गया है पत्थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था। और इस मंदिर में जिस तरह से ड्रिल मशीन के द्वारा सुराग किए जा रहे हैं उससे मंदिर की नींव को खतरा पैदा हो सकता है क्योंकि भागवत पुराणों में भी सोना और चांदी में कलयुग का बास बताया गया है उसी प्रकार से तीर्थ पुरोहित भी सोने लगाने का विरोध कर रहे हैं और मंदिर में जिस तरह से सुराग कर कर दीवार कमजोर हो सकती है और तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध किया है अगर कोई श्रद्धालु मंदिर में सोने की परख लगा रहा है दीवारों में तो उनको केदारनाथ घाटी में स्कूल हस्पताल का निर्माण करवाना चाहिए जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो यह अस्पताल का निर्माण कराएं और विशाल अस्पताल बनाएं और किसी को भी बीमारी के लिए देहरादून दिल्ली नहीं जाना पड़े घाटी के लिए कुछ सुरक्षित जगह पर निर्माण कराया जाए विद्यालय का निर्माण कराया जाए डिग्री कॉलेज का निर्माण कराया जाए इससे भगवान केदारनाथ उन्हें खूब आशीष देंगे भगवान केदारनाथ के मंदिर से छेड़छाड़ करने पर महंत शुभम गिरी ने कहा है अगर इस छेड़छाड़ बंद नहीं किया गया तो भूख हड़ताल पर बैठकर वे धरना देंगे और तीर्थ पुरोहितों के साथ स्वर मिलाएंगे और मुख्यमंत्री का भी विरोध करेंगे इस विषय को लेकर वे मुख्यमंत्री को जल्द ही ज्ञापन देंगे और बद्री केदारनाथ मंदिर समिति से उन्होंने मांग की है कि छेड़छाड़ को बंद किया जाए और वहां पर सोने की परत लगाने से बढ़िया वहां पर अस्पताल डिग्री कॉलेज या कन्या के लिए कॉलेज या कुछ धार्मिक संस्कृत विद्यालयों का निर्माण कराने चाहिए और वहां पर स्थानीय जनता के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करें और जल्दी ही मंदिर से छेड़छाड़ बंद करें और वहां पर सोने की परत ना लगाई जाए क्योंकि भारतीय सनातनी या संस्कृति के विरोध में हैं और सभी संगठन इसके लिए बढ़-चढ़कर सरकार से मांग करें अगर सरकार ने यह मांग नहीं मानी तो घोर विरोध करेंगे।