एवरेस्ट विजेता सविता को दी गई जल समाधि, ए मेरी सुब्बी ले..पुकारते हुए चीत्कार उठी बुआ।

एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल को उसकी बुआ शकुंतला प्यार से सुब्बी बुलाती थी। शुक्रवार को सविता का शव जब जिला अस्पताल की मोर्चरी में लाया गया तो उसकी बुआ ए मेरी सुब्बी ले..पुकारते हुए चीत्कार उठी। सविता की बड़ी बहन मनोरमा ने बुआ शकुंतला को ढांढस बंधाया। इसके बाद सविता का शव उसके गांव लौंथरू ले गए जहां परिजनों की सहमति पर उसे जल समाधि दे दी गई।

ब्लॉक भटवाड़ी के लोंथरु गांव की सविता कंसवाल (28) की द्रौपदी का डांडा-2 हिमस्खलन हादसे में मौत हो गई। वह निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में बतौर प्रशिक्षक शामिल थी। हादसे के तीन दिन बाद शुक्रवार को जब सविता सहित तीन अन्य के शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में लाए गए, तो मोर्चरी के पास मौजूद सविता की बुआ शकुंतला अपनी भतीजी का शव पहुंचने की खबर मिलते ही ए मेरी सुब्बी, ए मेरी सुब्बी पुकारते हुए बेंच से गिर पड़ी।

जब मृतकों को अंतिम सलामी देने का समय आया तो शकुंतला ताबूत में बंद सविता की मुखड़ी (चेहरा) दिखाने की जिद करने लगी लेकिन उसके चीत्कार को देखते हुए परिजनों ने उसे सविता के अंतिम दर्शन नहीं कराए। इसके बाद शव उसके गांव लौंथरू ले जाया गया। जहां सविता के माता-पिता व ग्रामीणों ने उसके अंतिम दर्शन किए। सविता चार बहनों में सबसे छोटी थी। सविता का शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया।
ग्रामीण राजेश सेमवाल ने बताया कि सविता के पिता की सहमति पर भागीरथी किनारे गांव के पैतृक घाट पर सविता को जल समाधि देकर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रताप रावत, प्रताप बिष्ट संघर्ष, पूर्व प्रमुख चंदन पंवार, माधव भट्ट, आमोद पंवार धर्मवीर पंवार आदि शामिल रहे। जिला अस्पताल परिसर में पर्वतारोही प्रशिक्षु व प्रशिक्षकों के शवों के पहुंचते ही हर किसी की आंख नम हो गई। परिजन रोते बिलखते एक दूसरे को ढांढस बंधाते रहे लेकिन अपने आंसू नहीं रोक पाए। जिला परिसर में माहौल इतना गमगीन था कि यहां भर्ती मरीजों के तीमारदार अपने मरीजों को भूल नम आंखों से इन शवों को निहारते रहे।

शुक्रवार को जिला अस्पताल परिसर में करीब साढ़े 12 बजे दो प्रशिक्षु पर्वतारोही व दो प्रशिक्षकों के शव पहुंचे। शवों के जिला चिकित्सालय पहुंचने की सूचना पर यहां परिजन सुबह ही पहुंच चुके थे। जिला अस्पताल में हर्षिल से सेना की एंबुलेंस में प्रशिक्षक सविता कंसवाल, नौमी रावत व प्रशिक्षु पर्वतारोही अजय बिष्ट तथा शिवम कैंथोला के शव लाए गए।
शव देख परिजन रो पड़े और एक-दूसरे को ढांढस बंधाने का प्रयास करते रहे। प्रशिक्षक सविता कंसवाल की बुआ बार-बार अपनी भतीजी को पुकारती रही। वहीं शिवम कैथला का भाई भी बार-बार शिवम-शिवम कहकर बिलखता रहा। नोमी रावत व अजय के परिजन भी मोर्चरी के बाहर बदहवास स्थिति में इधर-उधर करते रहे।

पोस्टमार्टम के बाद चारों शवों को पुलिस की ओर से अंतिम सलामी दी गई। डीएम अभिषेक रूहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, सीओ अनुज कुमार, सीएमओ डा. केएस चौहान, प्रतिसार निरीक्षक जनक पंवार, एलआईयू निरीक्षक बृजमोहन गुसाईं सहित कई अधिकारियों ने शवों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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