दीपा माहेश्वरी
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा की सफाई के नाम पर चल रही खानापूर्ति में लाखों रुपए के बजट को सफाई के साथ ठिकाने लगाने का काम चल रहा है, जगह-जगह गंदगी के बजबजाते गंगा घाट इस सफाई अभियान की पोल खोल रहे हैं जो कि आश्चर्यजनक है।
गौरतलब है कि दीपावली के मौके पर प्रत्येक वर्ष गंगा की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है, इसके लिए शासन स्तर से लाखों रुपए का बजट दिया जाता है । गंगा की सफाई का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा किया जाता है इस वर्ष भी गंगा की सफाई के लिए 4 अक्टूबर को हर की पौड़ी पर गंगा का जलस्तर कम कर दिया गया है ताकि सफाई का काम आसानी के साथ हो सके। परंतु बड़े आश्चर्य की बात है कि 10 दिन बीत जाने के बावजूद सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति चल रही है । गंगा के घाट अमरापुर घाट बैराज कॉलोनी और प्रेम नगर आश्रम घाट पर आज भी गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। हर की पौड़ी पर जहां महिलाएं नहाने के बाद वस्त्र बदलती हैं वहां भी गंदी के साथ ही स्नानघरों मैं दरवाजे तक टूटे पड़े हैं। 24 अक्टूबर को गंगा का जलस्तर खोल दिया जाएगा ऐसे में अब चंद दिनों में गंगा की सफाई हो जाएगी यह बात गले नहीं उतर रही है। जानकार सूत्र बताते हैं कि गंगा की सफाई के नाम पर प्रत्येक वर्ष यही खेल खेला जाता है गंगा ज्यों की त्यों गंदी रह जाती है और सफाई के नाम पर आया लाखों रुपए का बजट गाने लगा दिया जाता है । शासन स्तर पर इस मामले में ठोस कदम उठाए जाने की सख्त जरूरत है।