आर. पी.उदास
काशीपुर । बाल दिवस के अवसर पर एक और जहां विभिन्न स्कूल कॉलेजों में बच्चों के सम्मान में तरह-तरह के कार्यक्रम चल रहे थे वही यहां गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज में आज एक मध्यमवर्गीय परिवार के घर का चिराग बुझ गया। पढ़ाई के दौरान 12 वर्षीय मासूम छात्र की मौत की खबर सुनकर एक और जहां उसके परिजनों पर वज्रपात हुआ है वहीं क्षेत्र का हर व्यक्ति इस दुखद घटना से द्रवित है।
यहां मोहल्ला कानूनगो यान निवासी सुबोध गुप्ता शहर की एक प्राइवेट फर्म में नौकरी करते हैं, उनका 12 साल का बेटा मोक्ष गुप्ता रोजाना की भांति आज सुबह भी घर से हंसी खुशी के साथ पढ़ने के लिए गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज आया था वह कक्षा आठ का छात्र था। करीब 12 बजे कॉलेज में अचानक गिर कर बेहोश हो गया और कुछ देर बाद ही उसकी संदिग्ध मौत की खबर शहर में फैल गई । ठीक बाल दिवस के दिन स्कूल में मासूम की मौत से परिजनों पर तो जैसे वज्रपात हुआ है मां-बाप सहित उसके परिवार के सभी लोगों का रो रो कर बुरा हाल है, आम जनमानस भी मासूम की मौत को लेकर काफी दुखी हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एएसपी अभय प्रताप सिंह और सीओ वंदना वर्मा भी बेहद दुखी नजर आए , एएसपी ने तो स्वयं मृत बालक के शव को गोद में उठाकर गाड़ी में रखा । बालक की मौत का कारण तो स्पष्ट नहीं हो सका है परंतु परिजनों और उनके परिचितों द्वारा लगाए जा रहे आरोप कॉलेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर जरूर सवाल खड़े कर रहे हैं जिसकी गहनता से जांच होनी आवश्यक है। मृत बालक के पिता जिस फर्म में काम करते हैं उसके मालिक जोगेंद्र दुआ ने पुलिस और मीडिया के सामने स्पष्ट रूप से कहा कि स्कूल की एक महिला टीचर ने फोन करके बच्चे के बेहोश होने की खबर उसके पिता को दी थी लेकिन बालक के पिता के पहुंचने से पूर्व उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया । अस्पताल के चिकित्सकों ने बालक के परिजनों को बताया कि अस्पताल पहुंचने से एक से डेढ़ घंटे पहले उसकी मृत्यु हो चुकी थी ,उनका कहना है कि बेहोश होते ही स्कूल प्रबंधन बालक को अस्पताल ले जाते तो बालक की जान बच सकती थी । उन्होंने तो यहां तक आरोप लगाए कि मृत बालक की आंख के पास चोट के निशान थे ।हालांकि इस मामले में एएसपी अभय प्रताप सिंह ने कहा है कि पूरे घटनाक्रम की गहनता से जांच कराई जाएगी और अगर कोई दोषी मिलता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी। बहरहाल आगे जो भी कार्रवाई हो लेकिन बाल दिवस के दिन एक घर का चिराग स्कूल में बुझाने से सभी दुखी हैं।