देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘विकसित भारत 2047’ के तहत हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी व अनुप्रयोग पर आयोजित सम्मेलन में भाग लिया। इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष तकनीक अब अनुसंधान तक सीमित नहीं, बल्कि कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी उपयोगी सिद्ध हो रही है।
मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में तिरंगा फहराने को गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने चंपावत को मॉडल जिला बनाने हेतु इसरो और यूकॉस्ट द्वारा तैयार डैशबोर्ड का लोकार्पण किया। इसरो प्रमुख ने भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत 2030 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाएगा और 2040 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य है।
राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने उत्तराखंड में आपदाओं के दौरान अंतरिक्ष डेटा के उपयोग की सराहना की। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने अंतरिक्ष तकनीक को राज्य विकास में शामिल करने की दिशा में इसरो से सहयोग की मांग की।
सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक मौजूद रहे।