सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी लेते हुए समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने पीएम-एबीएचआईएम के तहत ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (डीआईपीएचएल) और क्रिटिकल केयर ब्लॉक के निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कर संचालन प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने सभी निर्माणाधीन यूनिट्स के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि तय समयसीमा में कार्य पूर्ण हो सके। उन्होंने राज्य और जिला स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। साथ ही जिन यूनिट्स का कार्य पूरा हो चुका है, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को तत्काल भेजने को कहा।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि अधिक से अधिक पारंपरिक कारीगरों को योजना से जोड़ा जाए और उनका पंजीकरण तेजी से किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिला कार्यान्वयन समितियों और नगरीय निकायों में लंबित आवेदनों को शीघ्र निस्तारित किया जाए ताकि पात्र लाभार्थियों को जल्द से जल्द योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बाजार तक पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अन्य राज्यों के यूनिटी मॉल्स में उत्तराखंड के उत्पादों के लिए स्टॉल उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की जाए ताकि राज्य के पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय पहचान मिल सके।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री आर. राजेश कुमार, श्री विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे और श्रीमती स्वाति भदौरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव के स्पष्ट निर्देशों से यह संकेत मिला है कि राज्य सरकार इन दोनों महत्वपूर्ण योजनाओं को धरातल पर उतारने और जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।