निर्जला एकादशी पर किया गया दान-पुण्य होता है अक्षय फलदायी : स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती

हरिद्वार। श्री ललिताम्बा देवी ट्रस्ट की ओर से संचालित मानव कल्याण आश्रम में निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी के संयोजन एवं महंत दुर्गेशानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में संतजनों, विद्यार्थियों और तीर्थयात्रियों को शरबत, बिस्कुट एवं प्रसाद वितरित किया गया।

इस अवसर पर आश्रम के महंत दुर्गेशानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष में दशमी से लेकर पूर्णमासी तक का समय ध्यान, पूजा-पाठ, दान-पुण्य के लिए उत्तम समय है। इस समय में तीर्थों की यात्रा, भगवान श्रीहरि का पूजन, गौ-दान, विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ, श्रीमद भागवत कथा श्रवण करना परम कल्याणकारी है। उन्हांेने कहा कि निर्जला एकादशी के अवसर पर किया गया दान-पुण्य अक्षय फलदायी होता है।

इस मौके पर मैनेजिंग ट्रस्टी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि निर्जला एकादशी सनातन हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन किया गया जप-तप, गंगा स्नान, दान-पुण्य विशेष फलदायी है। जो भी श्रीहरि का भक्त निर्जल रहकर दूसरों को जल, शरबत व शीतल पेय पदार्थ वितरित करता है वह अक्षय पुण्य का भागी बनता है। उन्हांेने कहा कि ट्रस्ट द्वारा निरन्तर सेवा प्रकल्पों का संचालन किया जाता है।

ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष रेनुका बेन एल ठक्कर ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष में प्रतिदिन संतों, विद्यार्थियों व तीर्थयात्रियों को भोजन, शीतल पेय पदार्थ प्रतिदिन वितरित किये जाते हैं। इसी क्रम में गंगा दशहरा से लेकर ज्येष्ठ पूर्णिमा तक यह आयोजन प्रतिदिन जारी रहेगा।

इस मौके पर मुख्य रूप से संजय वर्मा, मिथिलेश, ब्रह्मजीत, महेंद्र, रामजी आदि ने शरबत की छबील एवं प्रसाद वितरित करने में सहयोग प्रदान किया।

 

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