हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा घाटों पर जलधारा बाधित होने को लेकर महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सुबह स्नान और पूजा-अर्चना के समय उत्तर हरिद्वार के सर्वानंद घाट से लेकर हर की पैड़ी तक के सभी घाटों पर गंगा जल की अविरल धारा बाधित कर दी जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जलधारा सुचारू न होने के कारण गंगा जी प्रदूषित हो रही हैं, और घाटों पर घोड़े, खच्चर और खनन गतिविधियों से मां गंगा का अपमान किया जा रहा है। इस संबंध में सुनील सेठी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की शिकायत की और मांग की कि जलधारा को तत्काल पुरानी स्थिति में बहाल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो उन्हें मजबूर होकर उग्र आंदोलन करना पड़ेगा।
सुनील सेठी ने बताया कि दो माह पूर्व भी इसी प्रकार की अव्यवस्था देखने को मिली थी, जब लाखों श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ी थी। उस समय आंदोलन के बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से विभाग हरकत में आया था, लेकिन अब फिर वही स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्नान के समय जल आपूर्ति रोकी जा रही है और जलधारा को मोड़ा जा रहा है, जिससे श्मशान घाटों पर भी जल की कमी हो रही है। जनता में आक्रोश है और घाटों पर अस्वच्छता फैल रही है। उन्होंने कहा कि यदि गंगा घाटों पर जलधारा को शीघ्र बहाल नहीं किया गया, तो उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर अनिल कोरी, महेश कालोनी, राजू जोशी, अमित भट्ट, एस.एन. तिवारी, राकेश सिंह, रवि बांगा, भूदेव शर्मा, सचिन अग्रवाल, सुनील मनोचा और सोनू चौधरी सहित कई लोग मौजूद रहे।