दूषित कुट्टू के आटे पर रोक लगाने में नाकाम खाद्य पूर्ति विभाग, सख्त कार्यवाही की मांग

हरिद्वार। नवरात्रि के दौरान उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुट्टू का आटा एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ होता है, लेकिन हर साल इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इस बार भी उत्तराखंड समेत हरिद्वार में मिलावटी और दूषित कुट्टू के आटे की शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे लोगों की तबीयत खराब हो रही है। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखकर खाद्य पूर्ति विभाग की लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई है।

सेठी ने कहा कि हर साल यह समस्या सामने आती है, लेकिन खाद्य पूर्ति विभाग लालची उत्पादनकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता। इसके चलते आम जनता को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और धार्मिक आस्था भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ फैक्ट्रियां और विक्रेता बिना जांच के ही दूषित आटा बाजार में बेच रहे हैं, जिससे उपवास रखने वाले श्रद्धालु परेशान हो रहे हैं।

सेठी ने मांग की कि हरिद्वार सहित उन सभी जिलों में, जहां इस तरह की दिक्कतें आ रही हैं, वहां के खाद्य पूर्ति अधिकारियों को तत्काल बदला जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर साल इस तरह की शिकायतें आती हैं, लेकिन विभाग सिर्फ खानापूर्ति कर मामले को दबा देता है।

उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दोषी अधिकारियों और मिलावटखोरों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

 

 

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