आत्मनिर्भरता की मिसाल बनीं सुनीता देवी, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना से मिली नई उड़ान

हरिद्वार। विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानते हुए जनपद हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक अंतर्गत असगरपुर गांव की श्रीमती सुनीता देवी ने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर एक सफल कदम बढ़ाया है। ‘राखी’ स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य सुनीता देवी आज एक सफल दुग्ध उत्पादन उद्यमी बन चुकी हैं।

पति के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई थी। पारंपरिक खेती से आय सीमित थी, लेकिन सुनीता देवी ने हार मानने के बजाय कुछ नया करने का निश्चय किया। इसी दौरान उन्हें स्वयं सहायता समूह की बैठक में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की जानकारी मिली, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।

सुनीता देवी ने ‘गोरधनपुर’ सीएलएफ की बिजनेस प्रमोटर श्रीमती पिंकी से संपर्क कर अपनी योजना साझा की। उनकी इच्छाशक्ति और ईमानदारी को देखते हुए उन्हें ₹35,000 की ब्याज रहित ऋण सहायता प्रदान की गई। इस राशि से उन्होंने एक उन्नत नस्ल की दुधारू गाय खरीदी और दुग्ध उत्पादन का कार्य शुरू किया।

पशुधन विशेषज्ञों से प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने गाय की देखभाल, पौष्टिक आहार और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना शुरू किया। जल्द ही गाय ने अच्छी मात्रा में दूध देना शुरू किया, जिससे सुनीता देवी की आय में निरंतर वृद्धि हुई। अब वह न केवल अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि नियमित बचत भी कर रही हैं।

इस सफलता ने न सिर्फ उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाया, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास भी दिलाया। सुनीता देवी की यह यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि ग्रामीण महिलाओं को समय पर सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो वे आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम उठा सकती हैं।

 

 

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