देहरादून — उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और संस्कारवान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को पाठ्यचर्या के अंतर्गत श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन कराया जाए। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अगले 10 वर्षों का स्पष्ट एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों का बरसात से पहले निरीक्षण किया जाए, ताकि स्कूल भवनों, रास्तों, पुलों और अन्य मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का आकलन कर समय रहते सुधार किए जा सकें।
श्री धामी ने क्लस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा शुरू करने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन करने और पहले चरण में प्रत्येक जनपद में एक-एक हॉस्टल निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इसके साथ ही 15 किलोमीटर के दायरे में विद्यार्थियों के लिए परिवहन व्यवस्था को लेकर भी जल्द योजना लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल बच्चों को समय पर पाठ्यपुस्तकें मिलें, यह सुनिश्चित किया जाए। साथ ही शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सभी पहलुओं का गहन अध्ययन कर नीति बनाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन स्कूलों में अभी एनसीसी और एनएसएस की सुविधा नहीं है, वहां चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाए।
शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से CSR फंड के तहत सहयोग लेने पर भी जोर दिया गया। जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों की मरम्मत कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की पूरी क्षमता के अनुसार नामांकन हो, इसके लिए प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए किसी भी जरूरी संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए और तेजी से कार्य किया जाए। साथ ही पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, पर्यावरण, उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, महान विभूतियों का जीवन परिचय, कौशल विकास, लोककथाएं, संगीत और कला जैसे विषयों को शामिल किया जाए।
इस अहम बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा श्री रविनाथ रमन समेत शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।