सेवा की जगह सख्ती, अमरापुर घाट स्थित शौचालय पर केयरटेकर की मनमानी

हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार इन दिनों श्रद्धालुओं से पूरी तरह भरी हुई है। स्कूलों की छुट्टियाँ, चारधाम यात्रा और आगामी कांवड़ यात्रा के चलते हरिद्वार में धार्मिक उत्सव का माहौल चरम पर है। स्थिति यह है कि रात के समय भी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आता है। इन्हीं प्रमुख घाटों में एक नाम अमरापुर घाट का है, जो डाम कोठी के पास स्थित है। यहां महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत दिन-रात भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं।

लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इतने महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल पर शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा की भारी कमी देखी जा रही है। अमरपुरा घाट के पास बना एकमात्र सार्वजनिक शौचालय हर दिन शाम 9 बजे बंद कर दिया जाता है। यहां तैनात दो केयरटेकर — एक पुरुष और एक वृद्ध महिला — यात्रियों को निर्धारित समय से पहले ही शौचालय उपयोग करने से रोकने लगते हैं। इससे श्रद्धालुओं को खुले में जाने जैसी शर्मनाक और असुविधाजनक स्थिति का सामना करना पड़ता है।

प्रशासन जहां एक ओर महिला सुरक्षा और स्वच्छ भारत मिशन की बात करता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की लापरवाही उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। खासकर महिलाओं को रात के समय खुले में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो न केवल अस्वास्थ्यकर है बल्कि असुरक्षित भी। कई बार असामाजिक तत्वों की निगाहें उन्हें और अधिक असहज स्थिति में डाल देती हैं।

 लोगों का आरोप है कि शौचालय के केयरटेकर यात्रियों की सेवा करने के बजाय उनके साथ सख्ती और अभद्रता का व्यवहार करते हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि घाट पर भारी भीड़ होने के बावजूद सुविधा का संचालन समयबद्ध और संवेदनशील तरीके से नहीं किया जा रहा है।

 

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