आनंदवनसमाधिसिद्ध पीठ पर स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई

हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार के प्रसिद्ध आनंदवनसमाधिसिद्ध पीठ पर बुधवार को परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रामानुज सरस्वती (चिद्विलासनंद) महाराज के सानिध्य में ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई। शाम्भव योगपीठ समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों संत-श्रद्धालुओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

परमाध्यक्ष चिद्विलासनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज का समग्र जीवन वैदिक–सनातन धर्म, संस्कृति, विज्ञान, कला एवं साहित्य के प्रति समर्पित था। उन्होंने अनादि शाम्भव योग को पुनर्जीवित करने, प्राचीन भारतीय साहित्य एवं आध्यात्मिक विज्ञान के प्रचार-प्रसार में अपना अमूल्य योगदान दिया और सनातन संस्कृति को सुदृढ़ करने का मार्ग प्रशस्त किया।

श्रद्धांजलि सभा में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि स्वामी प्रेमानंद मृत्युंजय सरस्वती महाराज ने देश व सनातन धर्म संस्कृति को मजबूती प्रदान करने के लिए जीवन भर समाजहित में कार्य किया। उन्होंने जीवन के प्रति करुणा, प्रेम, सत्य, शांति और श्रद्धा को बढ़ावा दिया। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने उन्हें त्याग, तपस्या व सेवा का साक्षात्‌ प्रतीक बताया, तो महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज ने गुरु–शिष्य परंपरा को ऊँचा उठाने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की।

सभा में पूर्व राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा की स्वस्थ्यलाभ कामना भी की गईइस अवसर पर .मं. डॉ. प्रेमानंद, .मं. आत्मानंद, .मं. राममुनि, .मं. कपिलमुनि, स्वामी हरिबल्लभ शास्त्री, रविदेव शास्त्री, हरिहरानंद, रामानंद, .मं. आत्मबोधानंद, स्वामी प्रणवानंद, गोविंददास, योगेंद्रानंद शास्त्री, ब्रह्मानंद, पूर्णानंद, गोपालदास, विंध्यवासिनीदास, स्वामी विवेकानंद, स्वामी केशवानंद, सुभाष त्यागी, रामप्रसाद उपाध्याय सहित अनेक संत एवं श्रद्धालु उपस्थित थे

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