हरिद्वार में पहली बार मनाई गई राजर्षि टंडन जयंती

हरिद्वार। शुक्रवार को खड़खड़ी स्थित प्रार्थना आश्रम में श्रवण सेवा एवं शोध संस्थान और हिन्दी सेवा समूह के संयुक्त तत्वावधान में भारतरत्न राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन की जयंती पर भव्य समारोह आयोजित किया। हरिद्वार में पहली बार पुरुषोत्तमदास टंडन को श्रद्धाजंलि दी गई।

समारोह का शुभारम्भ मां सरस्वती एवं पुरुषोत्तमदास टंडन के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्जवलित कर हुआ। समारोह का संचालन कवयित्री अपराजिता ने किया। समारोह की शुरुआत वृन्दा शर्मा नेे सरस्वती वंदना से की। वहीं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पं. ज्वालाप्रसाद शांडिल्य ने की, जबकि मुख्य अतिथि रा.म.वि. भूपतवाला के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संजीव मेहरोत्रा एवं विशिष्ट अतिथि देव संस्कृति विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. एन.पी. सिंह उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने टंडन जी को महान हिन्दी सेवक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, अधिवक्ता, साहित्यकार, राजनेता, समाजसेवक और चिंतक के रूप में याद किया। कार्यक्रम में हिन्दी भाषा पर केंद्रित कविताओं का पाठ भी हुआ।

हिन्दी सेवा समूह को विशेष सहयोग देने के लिए दीनदयाल दीक्षित, डॉ. सुशील त्यागी, प्रदीप शर्मा और वृन्दा शर्मा को सम्मानित किया गया। समारोह का संयोजन डॉ. अर्चना रानी वालिया ने किया।

संस्थान के संस्थापक डॉ. अशोक गिरि ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है, जब हिन्दी को राष्ट्रभाषा का वास्तविक स्थान दिलाया जाए। कार्यक्रम में डॉ. अरविन्द नारायण मिश्र, अभिनन्दन अभि, बृजेन्द्र हर्ष, डॉ. मेनका त्रिपाठी, डॉ. रजनी रंजना, अरुण पाठक, दीपा माहेश्वरी सहित कई साहित्यकार और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। 

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